Monday, July 22, 2019

A capital loss!

दिल्ली में मेरे २० वर्षों के प्रवास के दौरान १५ वर्ष स्वर्गीय शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। किसी भी मुख्यमंत्री का यह अपने आप में एक कीर्तिमान है। परन्तु प्रगतिशील दिल्ली के लिए शीला जी का जो योगदान है वह इस रिकॉर्ड से कहीं महत्वपूर्ण और प्रशंसनीय है।

दिल्ली के दिल को साफ़ करने का श्रेय दिल्ली की सर्वाधिक कार्यकाल के लिए रहीं मुख्यमंत्री को ही जाता है।  सीएनजी को यथार्त रूप देने का सेहरा इनके सिर पर ही बंधेगा। राष्ट्रमंडल खेल के दौरान भी दीक्षित सरकार का योगदान सराहनीय रहा।

यह दीक्षित - कार्यकाल ही था जिसने दिल्ली को मेट्रो दिया; आज मुद्रिका की तरह दिल्ली की लाइफलाइन है। साथ में सड़कों और फ्ल्योवेर्स का ताना बाना बुन कर दिल्ली की सड़कों पर ट्रैफिक नियंत्रण महत्वपूर्ण प्रयास रहा। 

मोर्डर्न दिल्ली, नयी दिल्ली, विक्सित दिल्ली के नवीन वास्तुकार के रूप में संसार शीला दीक्षित को सदैव स्मरण रखेगा। उनके योगदान को स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा। भगवान उनकी दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करे। ॐ शांति!

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